हमारा बच्चा – हमारा भविष्य
शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं बल्कि चरित्र निर्माण करना भी हैI इस यात्रा में भागीदार के रूप में, स्कूल और माता-पिता दोनों ही यह सुनिश्चित करने में समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि हमारे बच्चे ज़िम्मेदार, सक्षम और आत्मविश्वासी व्यक्ति बनें परंतु कुछ विषय ऐसे हैं जिन पर हमें सामूहिक रूप से ध्यान देने की आवश्यकता हैI
कोरोना लॉकडाउन के बाद से ही कुछ बच्चों के व्यवहार में लापरवाहिता व मानसिक क्षमता में कमी देखी जा रही है, जो अक्सर अनुशासन और ध्यान की कमी के कारण होती है। शिक्षा सिर्फ़ परीक्षा पास करने का विषय नहीं है; यह जिज्ञासा, अन्वेषण और निरंतर प्रयास का विषय है।
ग्लोबल स्कूल में बच्चों की मानसिक और बौद्धिक क्षमता के विकास हेतु समय- समय पर परामर्श सत्र (मनोवैज्ञनिक काउंसलिंग सेशन) आयोजित किये गए हैं लेकिन बच्चों के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है अभिभावकों का समय और लगातार निगरानी।
स्कूल में होने वाले कार्यक्रम एवं गतिविधियाँ जैसे – वार्षिक उत्सव, विज्ञान एवं गणित प्रदर्शनी, नाटक प्रस्तुतीकरण, रचनात्मक लेखन, खेल-कूद, आदि विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है। स्कूल के कार्यक्रम आत्मविश्वास और नेतृत्व का निर्माण करते हैं,जो जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हैं। फिर भी, हम देखते हैं कि कई छात्र घर पर प्रोत्साहन की कमी के कारण भाग लेने में हिचकिचाते हैंl आइए उन्हें आगे बढ़ने, और अपनी छिपी प्रतिभाओं को खोजने के लिए प्रेरित करें।
आजकल अभिभावक बच्चों के प्रति अधिक संवेदनशील होते जा रहे हैंI हमारे बच्चे हमारे प्यार और देखभाल के हकदार हैं,लेकिन उन्हें जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार करना भी हमारी जिम्मेदारी हैI बदलती जीवनशैली के साथ, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ व सक्रिय रहें तथा अभिभावक के रूप में अपनी व्यस्त जीवन शैली से समय निकल कर अपने बच्चों को उपकरण (मोबाइल, टेलीविजन) रहित वातावरण प्रदान करे ताकि बच्चा भावनात्मक रूप से आप से जुड़ सकेI
हमें बच्चों को दिनचर्या में व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रति प्रोत्साहित करना चाहिए क्योंकि मनुष्य के व्यक्तित्व का मुख्य आकर्षण केंद्र उसका आचरण तथा उचित व स्वच्छ पहनावा होता हैI
मनुष्य का व्यवहार उसका परिचय होता है। आइए, हम सब मिलकर बच्चों में बहुमुखी प्रतिभावान व्यक्तित्व का निर्माण करेंI
नम्रता यादव, शिक्षिका (हिंदी)
ग्लोबल स्कूल
न्यू पालम विहार, गुरुग्राम